We connect Artisans from all over India by providing a platform to sell their artefacts
What our Art Lovers Say
यहां ख़रीदारी करते हुए आप इस सोच से पुलकित हो सकते हैं कि आपने भी देश के किसी ऐसे बुनकर, ऐसे कलाकार को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया, जो बदलते समय की दौड़ के साथ अब तक अपने क़दम नहीं मिला सका था. और किसी का हाथ थामने से बड़ा दूसरा कोई सुख नहीं है
Shilpa Sharma
Editor - Oye Aflatoon
I first came to know about this venture via a friend and immediately fell in love with their products. I can gladly say that quality is their top most priority. They work for the betterment of tribal community and that makes us proud as well.
Pooja Singh
Journalist
इतना खूबसूरत और आरामदेह कपड़ा है कि इसके बारे में और जानने की जिज्ञासा हुई, मित्र रोहित रूसिया जी से बात हुई तो पता चला इन कपड़ो को रंगने से लेकर बनाने तक की प्रक्रिया में गाँव के उन कारीगरों को शामिल किया गया है जिनके हुनर को कही भी एक्सपोजर नही मिल रहा था, उनकी मेहनत को वैसे नही आँका जा रहा था जिसके वह योग्य है । और न उन्हें बाजार की कोई जानकारी थी और न बेचने का कौशल उन्हें आता था । 'आशा' ने इन्ही सब के साथ मिलकर इन कपड़ो को एक नया मक़ाम दिया है । ये केवल कपडा नही अपने आसपास के अलक्षित कारीगरों से रूबरू होने का एक मौका है। हम जो पहनते है वह केवल पोशाख नही हमारी पहचान भी है । इसके ताने बाने में गूंथा हुआ कारीगरों का एक समूह है जो हमारे द्वारा दुनिया से रूबरू होता है ।
Pratiba Gotiwale
Poet
साहित्य और कला की दुनिया में आदिवासी कला और संस्कृति को बचाने की बहुत सी बातें की जाती हैं पर वास्तविक धरातल पर बहुत कम लोग हैं जो इन कलाओं को बचाने के साथ साथ इन कलाओं से जुड़े लोगों और उनके परिवारों को प्रशिक्षण और रोजगार मुहैया कराने का महती कार्य करते हैं। मैं पिछले लगभग 5 या 6 वर्षो से छिंदवाड़ा की एक ऐसी ही संस्था के साथ परोक्ष अपरोक्ष रूप से जुडा हुआ हूँ। मुझे इस संस्था के सभी प्रोडक्ट बेहद पसंद हैं ख़ासकर मेरे सभी कुर्ते यहीं से खरीदे गए हैं।अंधाधुंध मशीनीकरण और मल्टीनेशनल ब्रांड की चकाचौंध के इस उत्तर आधुनिक दौर में भाई रोहित और आरती रूसिया दम्पत्ति ने न सिर्फ़ छिंदवाड़ा अंचल की छीपा और गोदना कला को ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से नया जीवन दिया हैं साथ ही अनेक गरीब परिवारों को रोजगार भी मुहैया कराया है।
Dr. Mani Mohan
Professor/Poet
In this modern era of machine made cloths, it is a real delight to have a brand like ASHA cotton fabs (now Bhartiya Shilp). One hundred percent cotton, hand block printing and tribal prints, what else one can ask for. Wearing cotton fab Kurtas and Shirts has been a wonderful experience for me. Brand owners are working for the upliftment of the tribal community and this makes the whole cause more worthy.
Sandeep Kumar
Journalist
I have been associated with Asha (now Bhartiya Shilp) for many years. Asha is not just a clothing brand, it is much more. Here the feelings of the artisans are intertwined with the fabric. It gives a special feeling as if someone has specially designed it for you. The dress material, sarees, stitched suits are all very beautiful, comfortable and extremely satisfying. And above all, customer satisfaction is their first priority.
Dr.Malini Gautam
Professor / Poet
'आशा ' अपने क्षेत्र में बेमिसाल काम कर रहा है। मैं पिछले पांच सालों से यहीं के बुने कपड़े पहनती आ रही हूं। मुंबई में इनका फेब्रिक बहुत पसंद किया जाता है। हमारी ढेरों शुभकामनाएं 🙏🏻
Lalitha Asthana
Writer
कड़ी मेहनत, समर्पण और स्नेह के धागों ने कम समय में मेरे जीवन में खास स्थान बनाया है। रेशे-रेशे से अथक प्रयास की खुशबू, अपनत्व की भावना और हथकरघा के अटूट बंधन में बंध कर अत्याधुनिक ब्रांड से सर्वोपरि मानवीय ब्रांड पर मन मुदित है। "आशा" के साथ सदैव जुड़े रहने को दिल एक जगह ठहर चुका है।
Dr. Sunita
Professor / Writer
"आशा" के उत्पादों का तो पहले ही कोई जवाब नहीं था, पर "भारतीय शिल्प" के रूप में आशा का विस्तार बेहद सुखद है। "आशा" और "भारतीय शिल्प" को दिल से ढ़ेरों शुभकामनाएं। यकीनन इससे शिल्पियों, बुनकरों और ग्रामीण महिलाओं को लाभ मिलेगा।
Ritu Bhardwaj
Founder - Connected
छीपा हाथ ठप्पा छपाई की कला मध्यप्रदेश गोंडवाना अंचल के छीपा समुदाय की अद्भुत कला कौशल और हमारी सांस्कृति को दर्शाता है। मध्यप्रदेश के गोंडवाना अंचल में रहने वाली छीपा समुदाय द्वारा की जाने वाली यह कला, कपड़ों पर ब्लॉक प्रिंटिंग द्वारा हाथ से किया जाने वाला शिल्प है जिसमें भिन्न भिन्न जातीय प्रतीकों को छापा जाता है। मशीनीकरण के युग में यह कला लुप्तप्राय अवश्य हुई किंतु छिंदवाडा के कुछ शिल्पी इस काम को जारी रख अपनी पुश्तैनी कला और संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास कर रहे है। इसी तरह इस अंचल के पारंपरिक बुनकर भी तमाम उतार चढ़ावों के बीच भी अपनी बुनकारी की परम्परा को जारी रखे हुए हैं| पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में लोगों की जागरूकता बढ़ी है और विदेशों में तो लोग इसे बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। हमें जरूरत है कि हम छिंदवाडा अंचल की छीपा कला के कपड़ों को अपनाएं और इस कला को जीवित रखने में अपना योगदान दें । इसकी पहल के रूप में हम संकल्प लें कि सप्ताह में एक दिन हम छीपा कला के कपड़े उपयोग में लाएंगे और दूसरों को भी ऐसा करने को प्रोत्साहित करेंगे|
Abhlasha Garg
India Care and Help Group
Thank you Bhartiya Shilp for the beautiful quality at the best price, as earlier I was very nervous about ordering it ONLINE. Extremely satisfied with the quality and the pattern of the saree silk material. The pattern and the colour was much elegant than to the picture displayed. Looking for much more new collection especially in the new trending silk sarees. I recommend everyone to have a look at the collection and sure you will be impressed by the collection and the prompt delivery of the products.